मसूरी में क्या देखें

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मसूरी, जिसे “पहाड़ों के रानी” नाम से भी जाना जाता है,  क्वीन ऑफ हिल्स मसूरी किसी रानी की तरह सजी सवरी। यों तो शिमला, ऊटी, दार्जीलिंग आदि हिल स्टेशनस भी अपनी अद्वितीय व अतुलनीय सुंदरता के कारण “क्वीन ऑफ हिल्स” कहे जाते है। और इस लेख में उत्तराखंड के  – “क्वीन ऑफ़ हिल्स” कहे जाने वाले डेस्टिनेशन मसूरी के कुछ टॉप एट्रैक्शंस के बारे में जानेंगे और देखेंगे क्या बातें मसूरी को बनाती है ख़ास!

समुद्र तल से लगभग 6,500 फीट (2,005 metre) की ऊँचाई पर – मसुरी भारत के उत्तराखंड राज्य की राजधानी देहरादून के समीप बसा के खूबसूरत हिल स्टेशन है। जो अपने सुरम्य दृश्यों, हरे-भरे जंगलों, औपनिवेशिक युग की वास्तुकला के साथ यहाँ के सुंदर landscapes के लिए जाना जाता है। नैसर्गिक ख़ूबसूरती और समुद्र तल से ऊँचाई की तुलना करें उत्तराखण्ड के एक और प्रसिद्ध आकर्षण नैनीताल से और हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से मसूरी की ऊँचाई लगभग समान है, इन स्थानों की जानकारी देते वीडियो भी PopcornTrip में देखे जा सकते है।

मसूरी को इसका नाम, एक समय या बहुतायत में उगने वाली मंसूर नाम की झाड़ियों से मिला। मंसूर झाड़ियों से मिल नाम मंसूरी, नाम समय के साथ बदल कर मसूरी हो गया।

मसूरी का सबसे बड़ा आकर्षण, मसूरी मॉल रोड  जिसका एक सिरा Picture Palace चौक और दूसरा सिरा  लाइब्रेरी चौक, जिसकी दूरी लगभग 2 किलोमीटर है।  यही रोड है  – जहां पैदल अथवा रिक्शे में बैठ कर घूमना समय मे पीछे ले जाता है। और दिखते है आधुनिक इमारतों के साथ कोलोनेयल भवन भी देखे जा सकते हैं।

Mussoorie Uttarakhand
Mussoorie Uttarakhand
मसूरी में घूमने के कुछ बेहतरीन स्थानों में शामिल हैं:
केम्प्टी फॉल्स: यह खूबसूरत झरना मसूरी के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है और हरे-भरे जंगलों और पहाड़ों से घिरा हुआ है।
गन हिल: यह दृष्टिकोण आसपास के पहाड़ों और घाटियों के मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है, और एक रोपवे द्वारा पहुँचा जा सकता है।
लाल टिब्बा: यह दृश्य हिमालय श्रृंखला का मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है, और सूर्यास्त और सूर्योदय के लिए एक शानदार स्थान है।
ज्वालाजी मंदिर: यह मंदिर हिंदू देवी दुर्गा को समर्पित है और बेनोग पहाड़ी की चोटी पर स्थित है।
बेनोग वन्यजीव अभयारण्य: यह अभयारण्य विभिन्न प्रकार के दुर्लभ और विदेशी पक्षियों और जानवरों का घर है, और प्रकृति और वन्यजीव उत्साही लोगों के लिए एक शानदार जगह है।
मसूरी झील: यह मानव निर्मित झील आसपास के पहाड़ों का सुंदर दृश्य प्रस्तुत करती है और नौका विहार और पिकनिक के लिए एक लोकप्रिय स्थान है।
कंपनी गार्डन: यह उद्यान इत्मीनान से टहलने के लिए एक आदर्श स्थान है और हरे-भरे जंगलों और पहाड़ों से घिरा हुआ है।
लंढौर: यह मसूरी के बाहरी इलाके में स्थित एक विचित्र और शांतिपूर्ण शहर है, जो अपने औपनिवेशिक युग की वास्तुकला और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है।
कैमल्स बैक रोड: यह सड़क आसपास के पहाड़ों का सुंदर दृश्य प्रस्तुत करती है और पैदल चलने, साइकिल चलाने और घुड़सवारी के लिए एक लोकप्रिय स्थान है।क्राइस्ट चर्च: यह मसूरी के सबसे पुराने चर्चों में से एक है और अपनी गॉथिक वास्तुकला और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। ये मसूरी की पेशकश करने वाली कई जगहों में से कुछ हैं। चाहे आप रोमांच, प्राकृतिक सुंदरता या सांस्कृतिक विरासत की तलाश कर रहे हों, इस हिल स्टेशन में सभी के लिए कुछ न कुछ है।

जानते हैं उपरोक्त में कुछ के बारे में विस्तार से – 

मॉल रोड में चहलक़दमी, मसूरी आने वाले पर्यटकों की पसंदीदा गतिविधि है। इसे मॉल रोड के किसी भी सिरे यानी पिक्चर पैलेस चौक या लाइब्रेरी चौक से शुरू कर दूसरे सिरे पर पूर्ण किया जा सकता है। लाइब्रेरी चौक से लगभग चार – पाँच सौ मीटर की दूरी पर इस पॉइंट से कैमल्स बैक के लिए मार्ग है। मॉल रोड में घूमते हुए दिखा गन हिल के चढ़ाई की और जाता मार्ग। यहाँ टैक्सी, रोपवे या पैदल किसी भी तरीके  से पहुँचा जा सकता है। हमने पैदल पहुँचने का विकल्प चुना। लगभग 500 मीटर के पैदल मार्ग में चढ़ाई चढ़ने के लिए फेफड़ों की परीक्षा हो जाती है, और लगभग 30 मिनट में धीमे कदमों से चलते हुए हम पहुँचे गन हिल।

मार्ग में नीचे की और देख मसूरी का बर्ड आई व्यू दिखता है। गन हिल मसूरी का दूसरा सबसे ऊँचा पॉइंट है। यहाँ मंदिर भी है, और यहाँ एक वाटर टैंक भी है, जिससे मसूरी को पानी की सप्लाई होती है। यहाँ amusement पार्क, फ़ास्ट फ़ूड स्टाल्स के साथ बच्चों के मनोरजन के लिए कुछ हाँटेड हाउस/ मैजिक शॉप भी है।  इसका नाम गन हिल पॉइंट होने के कारण शायद यहाँ – ब्रिटिशर्स यहाँ शूटिंग की प्रैक्टिस करते होंगे।
mussoorie town

इंटरनेट सर्च करने पर जो वजह पढ़ने को मिली – वो मनोरजंक और काल्पनिक ज़्यादा और वास्तविक कम लगती है, जैसे एक कहानी कहती है – ब्रिटिश समय में यहाँ समय बताने के ब्रिटिशर्स तोप से हर घंटे बाद गोले दागते थे, जितना बज रहा होता था, उतने गोले! अब सोचने की बात है कि क्या वास्तव में इतना खर्च और ऐसे संसाधनों का दुरुपयोग होता होगा उस समय और वह भी इतनी शांत प्रकृति से घिरी जगह में!

हमारा ख़याल है कि – या तो टीपू सुल्तान के हथियारों का ज़ख़ीरा उनके हाथ लग गया होगा, यह तोप के इन गोलों की expiry डेट नज़दीक होगी। वैसे हर घंटे की जानकारी उन्हें देनी ही थी तो ढोल, बिगुल या कोई बड़ा घंटा बजाकर भी कर भी तो बता सकते थे!

गन हिल का यह नाम होने कि एक दिलचस्प कहानी और जानने को मिली। अंग्रेज अधिकारी अपनी पत्नियों के साथ दोपहर 12:00 बजे घूमने के लिए निकलते थे, और वे लोग नहीं चाहते थे कि उनकी पत्नियों को स्थानीय लोग देखे, जिसकी वजह से वे लोग दोपहर 12:00 बजे तोप से गोले दागते थे और लोग स्थानीय लोग अपने घरों में चले जाते।

यह भी विचित्र बात लगती है – मसूरी जैसी रमणीय जगह में दोपहर 12 बजे कौन सा घूमने का समय हुआ भला, क्या सुबह – शाम नहीं घूमती थी वो? वो कोई देख भी ले, तो उससे क्या होगा, तब तो मोबाइल कैमरा और सीसीटीवी जैसी चीजें तो थी नहीं जिससे प्राइवेसी में दखल हो। गन हिल मसूरी की दूसरी सबसे ऊँची जगह है, यहाँ की कोई भी गतिविधि मसूरी टाउन से नहीं देखी जा सकता, उसके लिए इससे भी ऊँची जगह – लाल टिब्बा जाना होगा, जो मसूरी का सबसे ऊँचा पॉइंट है। लाल टिब्बा के बारे आगे जानेंगे।

Gun Hill पहाड़ी में से उतर कर, तस्वीरें इकट्ठी करते हुए पहुँचे माल रोड के दूसरे सिरे पर पहुँचे, लाइब्रेरी चौक पर मसूरी का सबसे चहल पहल पॉइंट। इस चौक का नाम यहाँ स्थित ब्रिटिश क़ालीन स्थापित लाइब्रेरी के कारण पड़ा, और यह भारत के सबसे पुराने पुस्तकालयों में से एक है। मसूरी पब्लिक लाइब्रेरी 1843 में आरंभ हुआ, इसमें पुस्तकों का एक विशाल संग्रह है। यह लोकेशन अद्भुत है, और मसूरी के केंद्र में स्थित है, यहाँ से एक मार्ग मॉल रोड को और दूसरा यहाँ के एक अन्य आकर्षण कंपनी बाग और केम्प्टी फॉल्स और उससे आगे यमुनोत्री आदि आदि स्थानों के भी जाता है। कंपनी बाग और kampti फॉल को भी इस लेख में आगे देखेंगे।

मसूरी की मॉल रोड में घूमना, विशेष रूप से शाम के समय, यहाँ के विजिट को अविस्मरिणीय बनाने के लिए पर्याप्त है।

लाइब्रेरी चौक में लगी benches बैठ कर, अगर वो ख़ाली हो तो, नहीं तो खड़े रहकर देखते हुए भी यहाँ से मसूरी की घाटियों के मनोरम दृश्यों के साथ देहरादून नगर को देख अपनी मसूरी यात्रा में कुछ और बेहतरीन यादगार पल जोड़ सकते हैं।

लाइब्रेरी चौक में कई दुकानें और रेस्तरां भी हैं, जो जहां लोकल/ और मल्टी cusine फ़ूड की अनेकों varities का स्वाद लिया जा सकता है।यह क्षेत्र चाट, मोमोज जैसे स्ट्रीट फूड के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है, जो पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच समान रूप से लोकप्रिय हैं।

लाइब्रेरी चौक से मॉल रोड होते हुए इस सड़क से पिक्चर पैलेस चौक तक पैदल चल मसूरी को महसूस करना, मसूरी ट्रिप की एक must do एक्टिविटी कही जा सकती है। मसूरी में लाइब्रेरी चौक से पिक्चर पैलेस चौक तक की पैदल दूरी बिना रुके तय करने लगभग 25-30 मिनट लगते हैं।

Mussoorie Mall Road
Mussoorie Mall Road

माल रोड, शाम के समय केवल पैदल चलने के लिए ही खुली रहती है, मॉल रोड पर चलते हुए सड़क के किनारे सजी हुई दुकानें, आकर्षक रेस्तरां और रोशनी से चमचमाते होटल दिखते हैं। गर्मियों और वीकेंड और लौंग हॉलिडे के समय तो यहाँ अच्छी ख़ासी संख्या में लोग दिखते है, और लोगों की चहलक़दमी और उत्साह को देखते हुए माल रोड में सैर करने का आनंद सभी को एनर्जेटिक कर देता है।

लगभग  5-7 मिनट चलने के बाद यहाँ पहुँच एक बड़ा घंटाघर दिखाई देता है। इस जंक्शन को गांधी चौक के नाम से जाना जाता है, और यह स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय स्पॉट है। 

गांधी चौक से, माल रोड में घूमते हुए कई दुकानों मे स्थानीय प्रतीक, कपड़े और स्थानीय हस्तशिल्प उपलब्ध मिल जाते है, यहाँ चलते हुए घाटी और आसपास के पहाड़ों के शानदार नज़ारों का आनंद भी ले सकते है। लाइब्रेरी चौक से लगभग 2 किमी लंबी माल रोड मे चलकर दूसरे छोर पिक्चर पैलेस चौक पहुंच जाते है। यह नाम यहाँ के एक सिनेमा हॉल के नाम पर रखा गया है, अब जो एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बन गया है। यहाँ तिब्बती मार्केट भी है, जहां गर्म कपड़ों के साथ विभिन्न हैंडमेड सामान बिक्री के लिए मौजूद है।

Mussoorie Beatuful
Mussoorie Beatiuful

गन हिल
उत्तराखंड के मसूरी में स्थित एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है। यहां कुछ चीजें हैं जो इसे खास बनाती हैं। गन हिल मसूरी की दूसरी सबसे ऊंची चोटी है, और यह आसपास के पहाड़ों और घाटियों का शानदार मनोरम दृश्य प्रस्तुत करती है। पर्यटक गन हिल के ऊपर से हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों, मसूरी शहर और आसपास के जंगलों को देख सकते हैं।

रोपवे की सवारी: माल रोड से रोपवे की सवारी करना गन हिल तक पहुंचने के सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक है। रोपवे की सवारी एक रोमांचकारी अनुभव है और शहर और आसपास के पहाड़ों के मनोरम दृश्य प्रस्तुत करती है। सवारी में लगभग 5-10 मिनट लगते हैं, और रोपवे स्टेशन पर टिकट खरीदे जा सकते हैं।

ऐतिहासिक महत्व: गन हिल का एक समृद्ध इतिहास है और औपनिवेशिक काल के दौरान अंग्रेजों द्वारा एक खोज बिंदु के रूप में इस्तेमाल किया गया था। पहाड़ी का इस्तेमाल उस समय तोप दागने के लिए भी किया जाता था, इसी वजह से इसे यह नाम मिला।

ट्रेकिंग: गन हिल तक पहुँचने का दूसरा तरीका ट्रेकिंग है। कई ट्रेकिंग मार्ग हैं जो गन हिल की ओर ले जाते हैं, और सबसे लोकप्रिय मार्ग माल रोड से शुरू होता है। ट्रेक लगभग 1.5 किमी लंबा है और आपकी गति के आधार पर लगभग 30-45 मिनट लगते हैं। ट्रेक मध्यम कठिन है और इसमें सीढ़ियाँ चढ़ना शामिल है, इसलिए यह सभी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है।

पिक्चर पैलेस चौक से लंढौर बाजार या अन्य आस-पास के स्थलों पर पैदल टहलने जा सकते है या मसूरी से आसपास घूमने के लिए टैक्सी भी ले सकते हैं।

कंपनी गार्डन

पहले दिन माल रोड मे घूम कर अगले दिन हम निकले सबसे पहले कंपनी गार्डन की सैर करने जो लाइब्रेरी चौक से लगभग 2 से 3 किलोमीटर दूर कंपनी गार्डन मसूरी का एक अन्य आकर्षण है। यहाँ पैदल, अपने वाहन या स्थानीय टैक्सी द्वारा भी पंहुचा जा सकता है।

यदि पैदल चलना पसंद करते हैं, और ज्यादा जगह एक दिन मे कवर नहीं करना चाहते तो तो लाइब्रेरी चौक से कंपनी गार्डन तक पैदल भी जा सकते हैं। यह सैर मसूरी की सुंदरता के करीब ले जाएगी।

इस उद्यान की स्थापना 19वीं शताब्दी में अंग्रेजों द्वारा की गई थी, और शुरुआत में इसे ब्रिटिश अधिकारियों और उनके परिवारों के लिए एक पिकनिक स्थल माना जाता था। समय के साथ, यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन गया है, जो अपनी हरी-भरी हरियाली, सुंदर फूलों और मनोरंजन के विभिन्न विकल्पों के लिए जाना जाता है।

ये उद्यान लगभग 22 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है और आगंतुकों के आनंद लेने के लिए इसमें कई आकर्षण हैं। कंपनी गार्डन के कुछ लोकप्रिय आकर्षणों में एक छोटी झील, एक झरना, एक नर्सरी, एक बच्चों का मनोरंजन पार्क और एक फूड कोर्ट शामिल हैं। यहाँ एक वॉकिंग ट्रैक भी है जो बगीचे से होकर गुजरता है, जो इसे इत्मीनान से टहलने के लिए एक शानदार जगह बनाता है। कंपनी गार्डन के प्रमुख आकर्षणों में से एक वार्षिक फ्लावर शो है, जो गर्मियों के महीनों के दौरान आयोजित किया जाता है। फ्लावर शो में गुलाब, गेंदे और डहलिया सहित फूलों की विभिन्न किस्मों का शानदार प्रदर्शन किया जाता है। यह पूरे भारत से पर्यटकों को आकर्षित करता है और गर्मियों के दौरान मसूरी आने वाले किसी भी व्यक्ति को इसे अवश्य देखना चाहिए। कंपनी गार्डन में फूड कोर्ट स्थानीय व्यंजनों को स्वाद लिया जा सकता हैं, यहाँ मोमोज और चाट जैसे कई प्रकार के स्नैक्स आदि उपलब्ध है।

कंपनी गार्डन स्थानीय हस्तशिल्प की खरीदारी के लिए भी एक अच्छी जगह है। बगीचे के भीतर कई दुकानें स्थित हैं जहां स्थानीय कारीगरों द्वारा बनाए गए ऊनी कपड़े, गहने और सजावटी सामान खरीदे जा सकते है।

कंपनी गार्डन मसूरी की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने और आराम करने के लिए कुछ घंटे बिताने के लिए एक अच्छी जगह है। चाहे आप एक पिकनिक स्थल की तलाश कर रहे हों, अपने बच्चों को कुछ मौज-मस्ती के लिए ले जाने की जगह, या बस आराम करने और दृश्यों का आनंद लेने के लिए, कंपनी गार्डन में सभी के लिए कुछ न कुछ है।

दलाई हिल्स

कंपनी गार्डन से मसूरी की ओर आते हुए लगभग आधा किलोमीटर बढ़ नीचे लेफ्ट की ओर जाते मार्ग से  लगभग 1 किलोमीटर दूरी पर स्थित है मसूरी का एक और मसूरी का शांति और सुकून के सुंदर पल ध्यान करते हुए या विचार शून्य होकर बिताने के लिए – एक विशेष स्थान है – बौद्ध मंदिर और दलाई हिल्स।

प्रकृति की गोद में बसा दलाई हिल्स मसूरी हिल के लिए मसूरी से केंपटी गार्डन जाते हुए रास्ते से एक अलग मार्ग है। यहाँ सन् 1960 में स्थापित केंद्रीय तिब्बती स्कूल है। और दलाई हिल्स से पूर्व, बौद्ध धर्म का प्रार्थना  स्थल – बौद्ध स्तूप भी स्थित है।  फिर यहाँ से कुछ आगे चलकर एक ऊँचे टीले जिसे  दलाई हिल्स के नाम से जाना जाता है, पर स्थित भगवान बुद्ध की दिव्य प्रतिमा।

Mussoorie Dehradun
Mussoorie Dehradun

पहाड़ी पर जब हम पहुचे तेज हवा चल रही थी, जिससे लहराते हुए यहाँ ये बुद्ध धर्म से जुड़ी झंडियाँ और पटकाएं  और भी मनमोहक लगती हैं,  दलाई हिल्स से आस पास की घाटियों और पहाड़ियों का बड़ा विहंगम और सुंदर दृश्य नज़र आता है। पहाड़ी की इस चोटी से लाल बहादुर शास्त्री एकेडमी  का परिसर दिखाई देता है। जो देश पर के आईएएस, आईपीएस जैसे अधिकारी प्रशिक्षित होते है। इसी के समीप एक तिब्बती/ बौद्ध मंदिर ( शेडुप चोफेलिंग मंदिर ) भी स्थित है।

कैम्प्टी फॉल

मसूरी से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मसूरी – चकराता मार्ग में स्थित है kempty fall जहां लगभग 40 फीट की ऊँचाई से गिरता झरना, जो Visitors का पसंदीदा सैरगाह है, गर्मियों के सीजन मे यहाँ बड़ी संख्या मे सैलानी पहुचते है। यहाँ अपने वाहन, टैक्सी, रोपवे या टू व्हीलर रेंट पर ले कर भी पहुँच सकते हैं।

लंढौर

लंढौर प्रकृति प्रेमियों के लिए भी एक पोपुलर डेस्टिनेशन है। लंढौर प्रकृति प्रेमियों के लिए भी एक पोपुलर डेस्टिनेशन है।वापसी मे हम निकले landhor के लिए, पिक्चर palace चौक से आगे बढ़कर, landhor मसूरी से लगा हुआ है,  landhaur बाजार से ऊपर चढ़ाई मे जाते हुए प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया जा सकता है, रास्ती के दोनों और बाँज, बुरांश आदि के हरे भरे जंगलों से से घिरा हुआ क्षेत्र है, यहाँ से हिमालय की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने के लिए एक आदर्श स्थान कह सकते है। ।

लंढौर औपनिवेशिक युग के दौरान यह एक प्रमुख ब्रिटिश छावनी थी। उस समय की कई पुरानी इमारतें और संरचनाएँ आज भी खड़ी हैं, जिनमें लंढौर बाज़ार, सेंट पॉल चर्च और प्रसिद्ध लंढौर क्लॉक टॉवर शामिल हैं।

साहित्यिक संबंध: लंढौर वर्षों से कई प्रसिद्ध लेखकों और कलाकारों का घर रहा है, जिसमें प्रसिद्ध लेखक रस्किन बॉन्ड भी शामिल हैं, जो कई वर्षों से वहां रहे। इस शहर ने कई लेखकों और कवियों को प्रेरित किया है, और इसके शांतिपूर्ण, शांत परिवेश ने दुनिया भर के रचनात्मक लोगों को आकर्षित करना जारी रखा है।

कुल मिलाकर, लंढौर की प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक महत्व, साहित्यिक संबंध, और पाक प्रसन्नता इसे पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए समान रूप से लोकप्रिय गंतव्य बनाती है। मसूरी से लंढौर पहुंचने के सबसे आसान तरीकों में से एक टैक्सी किराए पर ले कर आ सकते हैं। landhor की हाइट मे चार दुकान लंढौर में एक लोकप्रिय लैंडमार्क है। जहां से आप पैदल लंढौर घूम सकते हैं।

इनके अतिरिक्त पैदल चलकर भी, यदि आप पैदल चलना पसंद करते हैं और पैदल मसूरी और लंढौर घूमना चाहते हैं, तो आप मसूरी से लंढौर तक पैदल भी जा सकते हैं। सैर आपको सुंदर मार्गों से ले जाएगी और काफी आनंददायक है। मसूरी से, पिक्चर पैलेस चौक के समीप से लंढौर के मुख्य लैंडमार्क लंधौर के मध्य में स्थित चार दुकान तक नहीं पहुँच जाते, तब तक इस सड़क पर चलते रहें।

आप मसूरी से टैक्सी या कार लेकर भी गन हिल पहुंच सकते हैं। मसूरी में टैक्सी आसानी से उपलब्ध हैं, और आप मॉल रोड या लाइब्रेरी चौक से टैक्सी किराए पर ले सकते हैं। ट्रैफिक के आधार पर गन हिल तक ड्राइव करने में लगभग 10-15 मिनट लगते हैं। कुल मिलाकर, गन हिल तक पहुँचना काफी आसान है, और आप परिवहन का वह तरीका चुन सकते हैं जो आपको सबसे अच्छा लगे। रोपवे की सवारी सबसे लोकप्रिय विकल्प है और मसूरी की यात्रा के दौरान इसे अवश्य करना चाहिए।

हालांकि इन पहाड़ियों और प्रकृति पर हमारा कुछ ज्यादा दवाब रहता हैं। लॉंग हॉलिडेज़ और गर्मियों मे पैर रखने की जगह नहीं मिलती, इसलिए जो पर्यटक आते है उनमे से ज्यादातर को पहाड़ियों मे रहने का वो आनंद नहीं मिल पाता, जो कि मिलन चाहिए। वैसे जब हवाई जहाज, रेल, बस और कार ही नहीं बाइक तक मे अधिकतम बैठने वालों की सीमा तय होती है लेकिन शहर मे एक समय में आने वालों की नहीं। अगर शहर का भी एक पोर्टल हो, जितने भी लोग शहर में आना चाहें वो अड्वान्स मे सूचना दें, और जितने लोग एक बार मे शहर मे या सकें, उतने ही आए। उसके बाद उस दिन के लिए एंट्री बंद हो जाए। और जिनको अनुमति न मिले उन्हे उन्हे ऐसे नजदीकी हिल स्टेशन मे जाने का सुझाव दिया जाए जहां उस दिन अपेक्षाकृत कम दवाब हो। जिससे पर्यटकों को घंटों सड़क पर कार मे बैठ कर जाम में परेशान न होना पड़े, न होटल dhudhne में दिक्कत हो। और जो यहाँ आयें उनका अनुभव भी यादगार रहे। और आस पास के लेस known places मे भी पर्यटन फले फुले।

देखें वीडियो –

मसूरी के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्य  हैं:

  • मसूरी – 1820 में अंग्रेजों द्वारा अपनी सैन्य छावनी के लिए बनाया। एक आयरिश व्यक्ति कैप्टन यंग इस जगह की सुंदरता से इतने मंत्रमुग्ध थे कि उन्होंने वहां अपना घर बनाने का फैसला किया, Mullingar Mansion जिसे मुलिंगर हाउस के नाम से भी जाना जाता है, 1825 में कैप्टन यंग द्वारा बनाया गया था, जो मसूरी में बसने वाले पहले यूरोपीय लोगों में से एक थे।
  • यह हवेली अब एक होटल है और एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। जिसके बाद मसुरी धीरे – 2  हिल स्टेशन के रूप में विकसित होकर गर्मियों के महीनों में ब्रिटीशर्स के लिए पोपुलर हॉलिडे destination बन गया।
  • माना जाता है कि “मसूरी” नाम “मसूरी” नामक पौधे से लिया गया है जो इस क्षेत्र में बहुतायत में मिलती थी।
  • मसूरी समुद्र तल से 6,580 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, और हिमालय की शिवालिक पर्वत श्रृंखला से घिरा हुआ है।
  • मसूरी की एक विशेषता है “कैमल्स बैक रोड” के रूप में जाना जाता है और यह 3 किमी लंबा है जो ऊंट के हम्प जैसा दिखता है।
  • भारत में पहला तिब्बती स्कूल 1960 के दशक में मसूरी में स्थापित किया गया था।
    मसूरी का एक वाइब्रन्ट लोकल कल्चर देखा जा सकता है, और यह अपने पारंपरिक कुमाऊँनी और गढ़वाली व्यंजनों के साथ-साथ अपने हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों के लिए प्रसिद्ध है।
  • मसूरी के मुख्य आकर्षणों में से एक केम्प्टी फॉल्स है, जो पिकनिक और तैराकी के लिए एक लोकप्रिय स्पॉट है। दस्तावजों के अनुसार इस falls का पता 1835 में जॉन मेकिनन नामक एक ब्रिटिश अधिकारी ने की थी।
  • मशहूर लेखक रस्किन बांड 1663 से मसूरी में रह रहे हैं। उन्हें इस हिल स्टेशन में अपनी कई किताबें लिखने के लिए जाना जाता है।
  • मसूरी की एक अनूठी स्थापत्य शैली है जो ब्रिटिश औपनिवेशिक और भारतीय शैलियों का मिश्रण है। मसूरी की कुछ सबसे उल्लेखनीय इमारतों में क्राइस्ट चर्च, सेवॉय होटल, वुडस्टॉक स्कूल (1854), वेनबर्ग एलन स्कूल (1888), ओक ग्रोव स्कूल (1888) और मसूरी लाइब्रेरी शामिल हैं।
  • मसूरी में कई हॉलिवुड और बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है।
  • मसूरी पुस्तकालय 1843 में बनाया गया था और माल रोड पर स्थित है। यह भारत के सबसे पुराने पुस्तकालयों में से एक है और इसमें दुर्लभ और प्राचीन पुस्तकों सहित पुस्तकों का एक बड़ा संग्रह है।

    Mussoorie Library
    Mussoorie Library
  • मसूरी में सबसे ऊंचा पॉइंट लाल टिब्बा है, जहां से हिमालय श्रृंखला के सुंदर दृश्य नजर आते है।
  • लंढौर क्लॉक टॉवर 1911 में बनाया गया था और यह लंढौर के केंद्र में स्थित है। यह शहर का एक मील का पत्थर है और इसे अक्सर मीटिंग पॉइंट के रूप में उपयोग किया जाता है।
  • Lal Bahadur Shastri National Academy of Administration यह संस्थान भारत में सिवल सर्वेन्टस के लिए  प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान है। यह शहर के सामने एक सुरम्य पहाड़ी पर स्थित है
  • मसूरी अपने ट्रेकिंग मार्गों के लिए भी जाना जाता है, जिसमें नाग टिब्बा चोटी का ट्रेक भी शामिल है, जो साहसिक उत्साही लोगों के लिए एक लोकप्रिय मार्ग है।
  • मसूरी में मौसम की एक अनोखी घटना होती है जिसे ‘मसूरी मिस्ट’ के नाम से जाना जाता है। यह धुंध हवा में पानी की बूंदों के संघनन condensation के कारण होती है और विशेष रूप से मानसून के मौसम में दिखाई देती है।

 

Few Attractions of Mussoorie

  1. Kempty Falls: This beautiful waterfall is one of the most popular tourist spots in Mussoorie and is surrounded by lush green forests and mountains.
  2. Gun Hill: This viewpoint offers panoramic views of the surrounding mountains and valleys, and is accessible by a ropeway.
  3. Lal Tibba: This viewpoint offers a panoramic view of the Himalayan range, and is a great spot for sunset and sunrise.
  4. Jwalaji Temple: This temple is dedicated to the Hindu goddess Durga and is situated on the top of the Benog Hill.
  5. Benog Wildlife Sanctuary: This sanctuary is home to a variety of rare and exotic birds and animals, and is a great place for nature and wildlife enthusiasts.
  6. Mussoorie Lake: This man-made lake offers a beautiful view of the surrounding mountains and is a popular spot for boating and picnics.
  7. Company Garden: This garden is an ideal place for a leisurely walk and is surrounded by lush green forests and mountains.
  8. Landour: This is a quaint and peaceful town located on the outskirts of Mussoorie, famous for its colonial-era architecture and serene atmosphere.
  9. Camel’s Back Road: This road offers a beautiful view of the surrounding mountains and is a popular spot for walking, cycling and horse-riding.
  10. Christ Church: This is one of the oldest churches in Mussoorie and is famous for its Gothic architecture and serene atmosphere.
  11. Mussoorie has a unique weather phenomenon known as the ‘Mussoorie Mist’. This mist is caused by the condensation of water droplets in the air and is particularly visible during the monsoon season.

आपको ये जानकारी और रोचक तथ्य पसंद आये होंगे। इस पर बना वीडियो देखें PopcornTrip चैनल पर।

 

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