उत्तराखण्ड में गढ़वाल की पहाड़ियों की तलहटी से लगा खुशमुमा मौसम लिए देहरादून ख़ूबसूरत तो है ही, साथ ही उत्तराखण्ड राज्य के राजधानी होने से इसकी और भी महत्व बड़ जाता है।
वैसे तो राज्य बनने के साथ देहरादून अस्थायी राजधानी घोषित हुआ था, लेकिन अभी तक उत्तराखंड में कहीं और पूर्णकालिक राजधानी अब तक कहीं तैयार नहीं, उत्तराखंड में कई लोग मांग करते हैं कि गैरसैंण या कोई और पहाड़ी जगह राज्य की राजधानी बने, फिलहाल तो 2000 में उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से देहरादून शहर ही राज्य की राजधानी की जिम्मेदारी संभाल रहा है।
PopcornTrip में देहरादून की जानकारी देते इस लेख में आप पायेंगे यहाँ का इतिहास, यहाँ के विभिन्न पर्यटक आकर्षण के केन्द्र जिनमें से कुछ हैं सहस्त्रधारा, टपकेश्वर मंदिर, गुच्चू पानी (रॉबर्स केव), FRI, क्लॉक टावर, मालसी डियर पार्क (देहरादून का चिड़ियाघर) आदि की जानकारी और साथ में यहाँ कैसे पहुँचे, यहाँ के मौसम आदि की जानकारी।
देहरादून के लोग अपने शहर से बहुत प्रेम करते है और इस अद्भुत शहर से जुड़ा होने पर गर्व भी। यहाँ का खानपान, मौसम, प्रकृति, भोगोलिक वातावरण – सब कुछ लोगों को लुभाता है।
यह स्थान देश की अन्य लोगों के साथ celebrities को भी इतना पसंद आता है, वो देहरादून कम से कम एक घर बनाना या खरीदना चाहते है। अनेकों celebrities के देहरादून मे भी रेज़िडन्स है।
पीढ़ियों से रहते लोग बताते है कि पहले देहरादून में एक या कुछ एकड़ से कम जमीन खरीदी या बेची नहीं जा सकती थी। जिससे सम्पन्न लोग ही यहाँ घर बना सकते थे। आज भी देहरादून में एकड़स लेंड में बने bunglows देखे जा सकते है।
तब bunglow में चाहरदीवारी नहीं होती थी, चारों ओर हेज लगी रहती थी जिससे बारिश का पानी एकदम बह जाता। अब चाहरदीवारी से घिरी है।
देहरादून में मध्यम आय वर्ग के लोगों ने घर बनाना चाहा, तो समय के साथ जमीन खरीद – फरोख्त के मानक बदले और शहर में कम साइज़ की जमीनें भी बेची जाने लगी। और शहर cement और कान्क्रीट से भरने लगा।
देहारादून में कई पार्क होने के साथ देहारादून में कई राष्ट्रीय संस्थानों और organizations का मुख्यालय है – जिनमे ओएनजीसी, सर्वे ऑफ इंडिया, वन अनुसंधान संस्थान फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट, Indian Institute of Petroleum प्रमुख हैं।
देहरादून में देश के कई प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान भी यहाँ है। जिनमे प्रमुख है। Indian Military Academy, Rashtriya Indian Military College (राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज), Indira Gandhi National Forest Academy (IGNFA), Lal Bahadur Shastri National Academy Of Administration (LBSNAA) भी देहरादून में हैं।
देहरादून को यहाँ के सुहावने मौसम, यहाँ के बासमती चावल के साथ और लीची के लिए भी जाना जाता है। देहरादून के आसपास – मसूरी, धनौल्टी, ऋषिकेश, हरिद्वार, सहरानपुर, रुड़की जैसे प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण स्थान तो हैं ही, साथ ही नगर में या नगर की सीमा से लगे कई आकर्षण जैसे सहस्त्रधारा, रॉबर्स केव, टपकेश्वर महादेव, FRI जैसे आकर्षण भी हैं।
देहरादून को समझने के लिए यहाँ महीनों समय बिताना भी कम है, और कुछ 8- 10 ऐसे स्थान देखने हो जो internet सर्च मे टॉप पर आते है, या ज्यादातर पर्यटक विज़िट करते है, और उतना देखने के लिए 2-3 दिन का समय बहुत हैं। और ठहरने के लिए तमाम होटल/ resort / B&B homes hai. जो अपने बजट और रुचि के अनुसार विभिन्न होटल बुकिंग साइट्स से पता किए और बुक कराए जा सकते हैं।
देहरादून का इतिहास/ History of Dehradun
द्वापर युग में “महाभारतकालीन गुरु द्रोणाचार्य” के घर के रूप में भी जाने वाले देहरादून का यह नाम होने की कहानी यह है कि – सन् 1676 में, सिक्खों के सातवें गुरु राम राय वर्ष अपनी संगत के साथ भ्रमण करते हुए इस स्थान पर पहुचे, और दून घाटी मे अपना डेरा यानि Camping की, उनके यहाँ पड़ाव डालने के बाद इस स्थान को डेरा दून कहा जाने लगा, और जो कालांतर में बदल कर देहरादून हो गया।
ब्रिटिश युग से पूर्व ज्यादातर दून घाटी गढ़वाल के शासकों के अधीन रही और रणनीतिक रूप से केंद्र में रही। ब्रिटिश पीरियड में ब्रिटिशर्स ने भी यहाँ अपनी छावनी बनायी।
देहरादून के प्रमुख आकर्षण व गतिविधियां
देश भर की नामी ब्रांड्स और कंपनीज़ चाहे वो इलेक्ट्रॉनिक्स हों, फर्नीचर हो, ऑटोमोबाइल हों, रेस्टोरेंट हो के यहाँ लगभग सभी के आउटलेटस हैं।
देहरादून शहर का केंद्र माना जा सकता हैं यहाँ घंटा घर यानि क्लाक tower को। क्लॉक टावर यानी घंटा घर शहर के केंद्र में है। यहाँ लगे शिलापट में नाम बलबीर क्लॉक टावर दर्ज है। 1948 में इस क्लॉक टावर के निर्माण की शुरुआत ब्रिटिश समय के न्यायाधीश रहे और बलबीर सिंह जी के परिजनों ने उनकी स्मृति में किया और 1953 में बनकर तैयार हुआ। घंटाघर ईंटो और पत्थरों से बना हुआ है। इसमें प्रवेश के लिये छह दरवाजे हैं। इसके षट्कोणीय आकार की हर दीवार पर प्रवेशमार्ग है। ऊपर जाने के लिये गोल घुमावदार सीढ़ियाँ है। छह अलग दीवारों पर छह घड़ियां लगी हैं उन्हें उस समय स्विट्जरलैंड से भारी-भरकम मशीनों द्वारा लाया गया था। अब यहाँ मेकेनिकल घड़ियों की जगह – इलेक्ट्रानिक घड़ियां लग गयी हैं।
क्लॉक टावर के निकट देहरादून के कई प्रसिद्ध बाजारें हैं। जिनमे से सबसे प्रसिद्ध है – देहरादून का सबसे पुराना बाजार – पलटन बाजार। इस बाजार से कई दूसरे बाजारों को जोड़ती गालियां है। क्लॉक टावर से राजपुर रोड की ओर आते हुए कुछ ही कदम की दूरी पर स्थित – MDDA मल्टी स्टोरी कार पार्किंग। इस पार्किंग कॉम्प्लेक्स की अन्डर ग्राउन्ड फ्लोरस में पार्किंग है और ऊपर की floors में कुछ रेस्टोरेंट, सर्विस सेंटर और कुछ दुकाने। पार्किंग से की दीवार से बाहर आते ही दिखता है – इन्दिरा मार्केट – यहाँ सस्ते रेडीमेड वस्त्रों की खरीददारी की जा सकती है।
क्लॉक टावर से राजपूत रोड में लगभग 100 मीटर चलने के बाद दाई ओर चलते हुए पहुचते है – शहर के एक खूबसूरत पार्क – गांधी पार्क मे। पार्क मे हरियाली और खूबसूरत फूलों और पेड़ों के साथ पंछियों की चहचहाट सुनते हुए सुबह की शुरुआत की जाये, तो फिर पूरा दिन ही अच्छा लगता है।
देहरादून का मौसम
यहाँ का मौसम वर्ष भर सुहावना रहता है। यहाँ बारिश होने के लिए वातावरण को पश्चिमी विक्षोभ या सावन के आने की ज़रूरत नहीं रहती। जो कभी भी हो जाती है। घर से कोई यह सोच कर निकले कि आज मौसम साफ है – तो अचानक बारिश हो सकती है और कभी ऐसा लगे कि – आज बारिश होगी और छाता लेकर बाहर जाए, तो जरूरी नहीं कि उस दिन बारिश हो।
शहर में कई जल स्रोत, झरने, जलाशय और पार्क है, जो यहाँ रहने वालों के लिए सैरगाह/ पिकनिक स्पॉट और सैलानियों के लिए आकर्षक पर्यटक स्थल हैं। जानते हैं इनके बारे में –
सहस्त्रधारा
देहरादून के सर्वाधिक विज़िट किए जाने वाले पिकनिक डेस्टिनेशन में एक है सहस्त्रधारा। सहस्त्रधारा – देहरादून में क्लॉक टावर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक सुंदर पिकनिक स्पॉट है। घंटाघर के समीप स्थित परेड ग्राउंड से सहस्त्रधारा के लिए नियमित अंतराल पर चलने वाली बस मिल जाती हैं, आपने वाहन के अलावा टैक्सी अथवा ऑटो द्वारा भी यहाँ पंहुच सकते हैं। देहरादून में मोबाईल एप बेस्ड टैक्सी और बाइक राइड भी मिल जाती है।
सहस्त्रधारा में वाहनों के लिए बड़ा पार्किंग स्पेस है। पार्किंग से कुछ ही दूरी पर एक मंदिर भी है। सहस्त्रधारा नाम के अनुरूप यहाँ के प्रकार्तिक झरने से सहस्तरों धराएं निकलती हैं। यहाँ के जल स्रोतों से बहते पानी को रोककर बने कई छोटे छोटे जलाशय बनाए गए हैं, जो यहाँ आने वालों को लुभाते हैं। मानसून में यहाँ बहाव बहुत तीव्र होता है।
सहस्त्रधारा में वाहनों के लिए बड़ा पार्किंग स्पेस है। पार्किंग से कुछ ही दूरी पर एक मंदिर भी है। सहस्त्रधारा नाम के अनुरूप यहाँ के प्रकार्तिक झरने से सहस्तरों धराएं निकलती हैं। यहाँ के जल स्रोतों से बहते पानी को रोककर बने कई छोटे छोटे जलाशय बनाए गए हैं, जो यहाँ आने वालों को लुभाते हैं। मानसून में यहाँ बहाव बहुत तीव्र होता है।
सहस्त्रधारा में प्राकृतिक और चिकित्सीय गुणों से भरपूर एक प्राकृतिक गंधक (सल्फर) वाटर स्प्रिंग है, इसके निरंतर बहते जल से गंभीर त्वचा विकारों को भी ठीक किया जा सकता है। देश भर से तो यहाँ लोग आते ही हैं साथ ही विदेशों से भी पर्यटक यहाँ, त्वचा संबंधित रोगों के उन्मूलन के लिए आते हैं।
खाने के विकल्प उपलब्ध कराते यहाँ कई फ़ास्ट फ़ूड स्टॉल हैं। यहाँ Rope Way राइड भी लिया जा सकता है यहाँ एक fun park भी है जहां कई rides और swings का आनंद ले सकते है। यहाँ बौद्ध मंदिर भी है। साथ ही ठहरने के लिए कुछ होटेल्स भी है। यहाँ पूरा या आधा दिन विभिन्न गतिविधियों करते हुए बिताया जा सकता है।
मालसी डियर पार्क / देहरादून चिड़ियाघर
सहस्त्रधारा से लगभग 11.5 किलोमीटर दूर देहरादून – मसूरी मार्ग में स्थित मालसी डियर पार्क जिसे देहरादून के चिड़ियाघर के नाम से भी जाना जाता हैं स्थित है। घंटाघर से यहाँ की दूरी 9 किलोमीटर है, यहाँ आने के लिए बस व या टैक्सी/ ऑटो भी आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। यहाँ की घंटे या पूरा दिन भी यहाँ दिखने वाले जीवों जिनमे कई पक्षी और पशु हैं की बारे में जानकारी लेते हुए बिता सकते हैं। इस जू को विजिट करने की टाइमिंग सुबह 09 से शाम 5 तक है, और ये सोमवार को बंद रहता है। यहाँ बच्चों के लिए पार्क, और जानकारी उपलब्ध कराते कई रोचक बोर्ड दिखते हैं। यहाँ जू के बाहर खाने के एक कैंटीन भी है।
रॉबर्स केव/ गुच्चू पानी
देहारादून का एक और आकर्षण है – क्लाक टोअर से लगभग साढ़े आठ किमी और देहरादून जू से लगभग 4 किमी दूर रॉबर्स केव जिसे गुच्चू पानी नाम से भी जाना जाता है। Robbers Cave में 4 वर्ष से उप्पर के आगंतुकों के लिए प्रवेश शुल्क लिया जाता है। यहाँ एक छोटी नहर है जो एक गुफा से हो कर गुजरती है। इस गुफा में बहते हुए पानी में चलते हुए रोमांच की अनुभूति होती है। ये गुफा लगभग 600 मीटर लंबी है। बरसात में इस पानी का लेवल बढ़ जाता है। और सर्दियों में पानी काफ़ी ठंडा रहता है।
टपकेश्वर महादेव
रॉबर्स केव से टपकेश्वर महादेव मंदिर की दूरी लगभग 6 किलोमीटर और क्लॉक टावर से 6.5 किलोमीटर है। इस मंदिर में स्थित शिवलिंग पर एक चट्टान से पानी की बूंदे टपकती रहती हैं। ऐसा माना जाता है कि इस जगह को गुरु द्रोणाचार्य द्वारा बसाया गया था, इसलिए इसे द्रोण गुफा के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ आने के लिए अपने वाहन के अलावा ऑटो अभी उपलब्ध हो जाते हैं।
FRI (Forest Reserach Institute)
FRI (Forest Reserach Institute)
फारेस्ट रिसर्च सेंटर FRI के नाम से जाने जाने वाला संस्थान देहारादून का एक और आकर्षण है। यह संस्थान न केवल अपने शोध कार्य के लिए बल्कि अपने अद्भुत वास्तुकला के लिए भी जाना जाता हैं और अपनी बेहद आकर्षित कर देने वाली बनावट के कारन,”FRI” देहरादून के एक विख्यात पर्यटन स्थल में भी शुमार हैं है एफ़ आर आई वन अनुसंधान संस्थान विश्वविध्यालय से संबद्ध है और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग [यूजीसी] द्वारा मान्यता प्राप्त हैं |
देहरादून कैसे पंहुचे!
देश भर से देहरादून आप कभी भी आ सकते हैं। साथ ही सड़क, रेल और हवाई मार्ग द्वारा देहरादून की कनेक्टिविटी देश के विभिन्न हिस्सों से है। देहरादून – हरिद्वार, ऋषिकेश, मसूरी, चंडीगढ़, सहारनपुर, रुड़की, दिल्ली जैसे नगरों से भी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यहाँ आप अपने वाहन से आने के अतिरिक्त प्लेन, ट्रेन, टैक्सी द्वारा भी आ सकते हैं।
हवाई मार्ग से –
देहरादून के निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट नगर से लगभग 20 किलोमीटर दूर जॉलीग्रेंट में स्थित है। यहाँ से एयर इंडिया, जेट एयरवेज, जेट कनेक्ट और स्पाइस जेट की देहरादून के लिए नियमित उड़ानें हैं। और हवाई अड्डे से नगर तक आने के लिए टैक्सी आदि उपलब्ध हो जाती हैं।
ट्रेन से
देहरादून से दिल्ली, लखनऊ, इलाहाबाद, मुंबई, कोलकाता, उज्जैन, चेन्नई और वाराणसी के लाई नियमित ट्रेन चलती हैं। देहरादून से देश के बाकी हिस्सों से शताब्दी एक्सप्रेस, जन शताब्दी एक्सप्रेस, देहरादून एसी एक्सप्रेस, दून एक्सप्रेस, बांद्रा एक्सप्रेस और अमृतसर-देहरादून एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग से
देहरादून से देश के अधिकतर नगरों जैसे दिल्ली, शिमला, नैनीताल, हरिद्वार, ऋषिकेश, आगरा और मसूरी आदि से आवागमन के लिए वॉल्वो, डीलक्स, सेमी-डीलक्स और उत्तराखंड राज्य परिवहन की बसें उपलब्ध हो जाती हैं। हर 15 – 20 मिनट के अंतराल पर ये बसें यहाँ से चलती रहती हैं। देहरादून में एक अन्य बस टर्मिनल मसूरी बस स्टेशन हैं, जो देहरादून रेलवे स्टेशन के निकट ही स्थित है, जहाँ से मसूरी और आसपास के अन्य शहरों के लिए नियमित बस सेवा उपलब्ध है। देहरादून में एक और अंतरराज्यीय बस टर्मिनल गांधी रोड पर दिल्ली बस स्टैंड है।
आशा है ये जानकारी युक्त रोचक लेख आपको पसंद आया होगा, देहरादून पर बना वीडियो देखें –